top of page

भारत की सामाजिक समस्याएं

Social problems in India

भारत एक प्राचीन सभ्यता का विभिन्न संस्कृतियों वाला विशाल देश है। दुनिया के सारे देश और समाज लगातार किसी न किसी समस्या से ग्रस्त होते हैं। भारत की भी अपनी अनेक सामाजिक समस्याएं हैं। अशिक्षा, गरीबी, बेरोजगारी , भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता तथा आतंकवाद जैसी कुछ समस्याएं देश को लगातार प्रगति पथ पर आगे बढ़ने से रोक रही है।


इन उपायों द्वारा निश्चित रूप से देश की उपर्युक्त तमाम सारी समस्याएं हल हो सकती हैं और देश एक बार फिर से जगतगुरु का अपना पुराना है रुतबा प्राप्त कर सकता है।


BHARAT KI SAMAJIK SAMASYAYEN


भारत एक प्राचीन सभ्यता का विभिन्न संस्कृतियों वाला विशाल देश है। दुनिया के सारे देश और समाज लगातार किसी न किसी समस्या से ग्रस्त होते हैं। भारत की भी अपनी अनेक सामाजिक समस्याएं हैं। अशिक्षा, गरीबी, बेरोजगारी , भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता तथा आतंकवाद जैसी कुछ समस्याएं देश को लगातार प्रगति पथ पर आगे बढ़ने से रोक रही है।



‌ आज भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा युवा वर्ग राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार है मगर यहां की सामाजिक समस्याएं उनके पैरों में बेड़ियां डाले हुए हैं। आजादी मिलने के साथ ही “गरीबी भगाओ” नारा दिया गया। यह नारा आज भी चल रहा है। इसका मतलब गरीबी देश की सबसे बडी समस्या आज भी है। गरीबी का मूल कारण अशिक्षा है। अशिक्षा की वजह से लोग अपने कर्त्तव्य और अधिकार से अनजान रहते हैं। जिस देश के नागरिक अपनी जिम्मेदारी न समझते हों और अपने अधिकार न पहचानते हों वह देश प्रगति कैसे कैसे कर सकता है। भ्रष्टाचार दीमक की तरह देश को अंदर से खोखला कर कर रहा है।यह बीमारी केवल नेताओं या बड़े सरकारी अधिकारियों तक ही सीमित नहीं है। यह दीमक देश के हर वर्ग तक पहुंच चुका है। इसका इलाज जरूरी है। इसी प्रकार आतंकवाद तथा अलगाववाद जैसी समस्याएं भी भारत के पैरों में बेड़ियों के समान है। धर्म के नाम पर जाति के नाम पर प्रांत के नाम पर तथा भाषा के नाम पर भी आए दिन झगड़े होते हैं और तनाव बना रहता है ।


इन समस्याओं से निजात पाने के लिए भारत को एक समग्र योजना बनाकर लड़ने की जरूरत है। शिक्षा और राष्ट्रवाद सबसे प्रभावशाली हथियार साबित हो सकते हैं। शिक्षा से मतलब गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जो काम धंधा तथा नौकरी पेशा दिलाने में सहयोगी हो। साथ ही साथ कभी विश्व गुरु कहा जाने वाला भारत अब नैतिक शिक्षा की कमी से जूझ रहा है। लोग एक अच्छे इंसान बने किस बात की सबसे ज्यादा और सबसे पहले जरूरत है। इसके साथ देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह जरूरी है की देश शक्तिशाली बने। अपनी आंतरिक और बाह्य सुरक्षा के लिए हथियारों के मामले में वह पूरी तरह से आत्मनिर्भर को इसके लिए प्रयास किया जाना चाहिए। इन उपायों द्वारा निश्चित रूप से देश की उपर्युक्त तमाम सारी समस्याएं हल हो सकती हैं और देश एक बार फिर से जगतगुरु का अपना पुराना है रुतबा प्राप्त कर सकता है।

 
 
 
bottom of page